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उपभोक्ता फोरम ने प्रथमा यूपी ग्रामीण बैंक पर लगाया जुर्माना, कर्ज वसूली की नोटिस भी निरस्त
News Date:- 2024-06-11
उपभोक्ता फोरम ने प्रथमा यूपी ग्रामीण बैंक पर लगाया जुर्माना, कर्ज वसूली की नोटिस भी निरस्त
prince raj

गोंडा,11 Jun 2024

कर्ज भुगतान के बाद किसान क्रेडिट कार्ड धारक से धनराशि वसूली के मामले में उपभोक्ता फोरम ने प्रथमा यूपी ग्रामीण बैंक पर 15 हजार रुपए का जुर्माना लगाते हुए बैंक की ओर से जारी वसूली की नोटिस भी निरस्त कर दी है.

सदर तहसील क्षेत्र के ग्राम विशुनपुर माफी निवासी किसान प्रेमा देवी ने अधिवक्ता रमेश प्रसाद दूबे के माध्यम से जिला उपभोक्ता फोरम में परिवाद दाखिल कर कहा कि उसने 27 सितंबर 2010 को प्रथमा यूपी ग्रामीण बैंक की शाखा मेहनौन से किसान क्रेडिट योजना के तहत 25 हजार रुपये का ऋण लिया था. 10 अगस्त 2016 को उसने कर्ज की रकम का भुगतान कर खाता बंद करा दिया. लेकिन बैंक अधिकारियों व कर्मचारियों ने लापरवाही करते हुए खाता बंद नहीं किया.

16 अक्टूबर 2021 को वह किसी कार्य से बैंक गई तो शाखा प्रबंधक ने खाते का रिनीवल करने की बात कहकर तीन हजार रुपये जमा करा लिया. इसके बाद 472 रुपये बकाया दिखाते हुए 18 अक्टूबर 2021 को एक धमकी भरा वसूली नोटिस भेज दिया.  

बैंक ने उसके संयुक्त बचत खाते का लेनदेन भी बंद कर दिया. आयोग की नोटिस पर बैंक प्रबंधक ने हाजिर होकर अपना उत्तर पत्र दाखिल कर कड़ा प्रतिवाद किया. सुनवाई के दौरान दोनों पक्षों के अधिवक्ता की ओर से की गई बहस व पेश किए गए साक्ष्य के आधार पर मामले में निर्णय सुनाते हुए आयोग के अध्यक्ष रामानंद, सदस्य सुभाष सिंह व मंजू रावत ने बैंक की ओर से जारी कर्ज वसूली नोटिस निरस्त कर दिया.

फोरम के आदेशानुसार मानसिक व शारीरिक क्षतिपूर्ति के लिए 10 हजार और वाद खर्च के लिए पांच हजार रुपये बैंक को अदा करना होगा. आदेश के अनुपालन में व्यतिक्रम की दशा में बैंक को सात फीसदी ब्याज भी देना होगा.

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