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दर्शकों के दिलों पर राज करने वाला अभिनेता ‘राजकुमार’  
News Date:- 2024-08-05
दर्शकों के दिलों पर राज करने वाला अभिनेता ‘राजकुमार’  
vaishali jauhari

लखनऊ,05 Aug 2024

दर्शकों के दिलों पर राज करने वाला अभिनेता ‘राजकुमार’

अपने ज़माने के मशहूर फिल्म अभिनेता राजकुमार, दमदार अभिनय के दम पर आज भी दर्शकों के दिलों पर राज करते हैं. अपने शानदार डायलॉग के बादशाह थे राजकुमार, जिनका असल नाम कुलभूषण पंडित था. जिन्हें दर्शकों ने ही नहीं बल्कि पूरी फ़िल्म इंडस्ट्री ने 'राजकुमार' माना. एक्टिंग से पहले राजकुमार पुलिस सब-इंस्पेक्टर थे. राजकुमार मुम्बई के जिस थाने में तैनात थे, वहां अक्सर फिल्म उद्योग से जुड़े लोगों का आना-जाना लगा रहता था.

एक बार फिल्म डायरेक्टर 'बलदेव दुबे' कुछ काम से पुलिस स्टेशन पहुंचे. राजकुमार की बातचीत करने के अंदाज़ से वो काफी प्रभावित हुए और उन्होंने राजकुमार के सामने अपनी फिल्म 'शाही बाज़ार' में उन्हें बतौर हीरो काम करने का ऑफर दिया. बस क्या था तुरंत ही राजकुमार ने अपनी सब-इंस्पेक्टर की नौकरी से इस्तीफा दिया और निर्माता का ऑफर स्वीकार कर लिया.

शुरुआत में तो उन्हें मुश्किलों का सामना करना पड़ा. मगर साल 1965 में बी.आर.चोपड़ा की फ़िल्म ‘वक़्त’ में अपने लाजवाब अभिनय से दर्शकों का ध्यान आकर्षित करने में वो सफल रहे.

"चिनाय सेठ जिनके घर शीशे के बने होते है वो दूसरों पे पत्थर नहीं फेंका करते" उनका बोला गया डायलॉग दर्शकों के बीच खूब लोकप्रिय हुआ. फ़िल्म 'वक़्त' की कामयाबी ने राजकुमार को शोहरत की बुंलदियों तक पहुँचा दिया.

आज इस आर्टिकल में बताते हैं राजकुमार की कुछ चर्चित फिल्मों के बारे में, जिन पर दर्शकों ने अपना भरपूर प्यार लुटाया.

पाकीज़ा:

राजकुमार और मीना कुमारी अभिनीत ‘पाकीज़ा’ फिल्म ने बॉक्स ऑफिस पर धमाल मचाया था. साल 1972 की सबसे ज्यादा कमाई करने वाली फिल्म बनी थी. फिल्म की कहानी और इसके गीत आज भी लोगों के दिलों में बसे हुए हैं. तवायफों की मुश्किलें और समाज के दोहरे मापदंडों को फिल्म में दर्शाया गया है. कमाल अमरोही द्वारा निर्देशित और निर्मित म्यूजिकल रोमांटिक फिल्म में राजकुमार और मीना कुमारी की प्रेम कहानी को बेहद खूबसूरती से गूंथा गया.

लाल पत्थर:

1960-70 के दशक में अपने शानदार रौब के लिए मशहूर और बॉलीवुड के चार्मिंग प्रिंस कहे जाने वाले राजकुमार और ड्रीम गर्ल हेमा मालिनी अभिनीत फिल्म आई थी ‘लाल पत्थर'. इस फिल्म में राजकुमार के अभिनय की खूब तारीफ हुई. हेमामालिनी ने भी लीक से हटकर अपने अभिनय को जो क्रिस्प दी वह लाजवाब थी. दोनों कलाकारों के दमदार अभिनय और फिल्म की कहानी को दर्शकों ने खूब पसंद किया. प्रसन्नतो चौधरी ने फिल्म की जो कहानी लिखी, उस कहानी को शब्दों के आवरण से मूर्त रूप देना सुशील मजूमदार जैसे निर्देशक के लिए ही संभव था.

कुदरत:

चेतन आनंद ने शिमला के प्रोड्यूसर बी.एस.खन्ना के साथ फिल्म बनाने का रिस्क लिया और साल 1981 में फिल्म रिलीज़ की ‘कुदरत’, जो सुपरहिट हो गयी. फ़िल्म में राजकुमार के साथ राजेश खन्ना, हेमामालिनी, प्रिया राजवंश और विनोद खन्ना ने भी किरदार निभाया. चेतन आनंद ने पुनर्जन्म की कहानी को जिस सस्पेंस और जिस थ्रिलर के साथ पेश किया, लाजवाब है. कहीं भी कोई भी घटना बनावटी या बेईमानी सी नहीं लगतीं. फिल्म ने कई फिल्मफेयर पुरस्कार जीते. चेतन आनंद को सर्वश्रेष्ठ कहानी और सिनेमैटोग्राफी के लिए पुरस्कृत किया गया.

धरम काँटा:

‘धरम काँटा’ राजकुमार अभिनीत एक्शन फ़िल्म है. फिल्म का निर्माण और निर्देशन सुल्तान प्रोडक्शंस के बैनर तले सुल्तान अहमद ने किया. साल 1982 में रिलीज़ फिल्म बॉक्स ऑफिस पर छा गई. फ़िल्म में राजकुमार का अभिनय कमाल का था. इनके अलावा राजेश खन्ना, जीतेंद्र,  वहीदा रहमान, रीना रॉय और सुलक्षणा पंडित भी अहम किरदार में नज़र आए. फिल्म ने बॉक्स ऑफिस पर अच्छी कमाई की और राजकुमार के अभिनय की हर ओर तारीफ हुई.

हीर रांझा:

 

चेतन आनन्द द्वारा निर्देशित 1970 में रिलीज़ रोमांटिक फिल्म 'हीर रांझा' ने बॉक्स ऑफिस पर अपार सफलता प्राप्त की. इस फिल्म में राजकुमार के अभिनय की हर किसी ने तारीफ की और इसे देखने वाले दर्शकों की संख्या भी बहुत अधिक रही. फिल्म में राजकुमार के साथ प्रिया राजवंश, प्राण, पृथ्वीराज कपूर ने भी मुख्य भूमिका निभायी. फिल्म का गीत-संगीत ज़बरदस्त हिट रहा. बॉक्स-ऑफिस पर हिट इस फिल्म को फिल्मफेयर पुरस्कार से भी नवाज़ा गया. 

ये कुछ फिल्में राजकुमार के करियर की अहम फिल्मों में से एक हैं जिन्हें देखकर आज भी लोग उनकी अदाकारी के कायल हो जाते हैं. उनकी हर फिल्म में अभिनय और विविधता के नए आयाम दर्शकों को देखने को मिले. अपने अभिनय में एकरुपता से बचने के लिए फिल्म अभिनेता  राजकुमार ने हमेंशा खुद को विभिन्न भूमिकाओं में पेश किया.
 

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