
सुदर्शन: प्राचीन काल से प्रचलित औषधि
सुदर्शन का पौधा औषधीय गुणों से भरपूर एक महत्वपूर्ण आयुर्वेदिक पौधा है. इसकी पत्तियां, फूल और जड़ें सभी स्वास्थ्य के लिए अत्यंत लाभकारी हैं. गंभीर से गंभीर बीमारियों को दूर करने में इस पौधे का उपयोग किया जाता है. महत्वपूर्ण बात यह कि इसका कोई साइड इफेक्ट नहीं होता.
सुदर्शन का वानस्पतिक नाम क्राइनम् लैटिफोलियम (Crinum latifolium) है. इसे अंग्रेजी में वाइल्ड लीव्ड् क्राइनम (Wild Leaved Crinum) कहा जाता है. भारत के अलग-अलग प्रांतों में इसे भिन्न-भिन्न नामों से जाना जाता है. जैसे संस्कृत में चक्रांगी, सुदर्शना, चक्राह्वा, मधुपर्णिका. हिंदी में सुदर्शन, सुखदर्शन. इस पौधे की पत्तियों का रस कान दर्द, बवासीर और चर्म रोगों में अत्यंत प्रभावी है.
सुदर्शन के पौधे में एंटीओक्सिडेंट्स, एंटी माइक्रोबियल, एंथेलमिंटिक गुण पाए जाते हैं जो इसे स्वास्थ्य के लिए विशेष बनाते हैं. इसके अलावा इस पौधे में रिझोम,ग्लुकैन, क्रिनोफोलाइन, अल्कोलोइड्स, जिलामाइन जैसे कई तत्व पाए जाते हैं. इस पौधे का इस्तेमाल रस, चूर्ण और लेप के रूप में किया जाता है.
औषधीय गुणों का खज़ाना
सुदर्शन का पौधा अद्भुत औषधीय गुणों से भरपूर है. आयुर्वेद में इस पौधे का विशेष महत्व है. यह कई प्रकार की स्वास्थ्य समस्याओं के इलाज में सहायक होता है. आइए जानते हैं इस पौधे से प्राप्त स्वास्थ्य लाभ के बारे में.
कान दर्द में राहत
यदि कान बह रहा है, दांत दर्द या ठंड के कारण कान में दर्द हो रहा है तो सुदर्शन के पत्तों का रस गर्म करके गुनगुने रस को दो से तीन बूंद कानों में डालने से दर्द में तुरंत आराम मिलता है. सुदर्शन के कुछ पत्तों को तेल में खूब पका कर छानकर शीशी में भर लें. इसकी कुछ बूँद नियमित रूप से कान में डालने से कान की गंदगी साफ़ हो जाती है.
बवासीर के इलाज में मददगार
यदि आप बवासीर से पीड़ित हैं और इसके दर्दनाक कष्ट से राहत पाना चाहते हैं तो सुदर्शन का उपयोग अत्यंत प्रभावी है. सुदर्शन के शल्क कंद को पीसकर बवासीर के मस्सों पर लेप करने से दर्द कम होता है. इसके पत्तों का रस गर्म करके इस्तेमाल करने से दर्द और सूजन से राहत मिलती है.
चर्म रोग और कुष्ठ रोग का प्राकृतिक इलाज
सुदर्शन का पौधा चर्म रोगों के इलाज में काफी कारगर होता है. चर्म रोग से पीड़ित व्यक्ति अगर सुदर्शन की पत्तियों का रस प्रभावित स्थान पर लगाते हैं तो उन्हें शीघ्र ही राहत मिलती है. कुष्ठ रोग में भी इस पौधे का प्रयोग घावों को सुखाने में सहायक सिद्ध होता है. बरसात के मौसम में त्वचा पर फोड़े, फुंसी, एक्ने, दाद, खाज, खुजली आदि परेशानियां होने लगती हैं. इन सभी परेशानियों को दूर करने में सुदर्शन का पौधा लाभ पहुंचाता है.
बुखार में फायदेमंद
सुदर्शन के पौधे का प्रत्येक भाग सेहत के लिए उपयोगी है. इसकी पत्तियां स्वस्थ मानव जीवन में महत्वपूर्ण स्थान रखती है. इस पौधे को ज्वर नाशक के नाम से भी जानते हैं. बदलते मौसम के साथ सर्दी-जुकाम, बुखार और डेंगू जैसे वायरल संक्रमण में तेजी से इजाफा होता है. ऐसे में इसकी पत्तियों का काढ़ा बनाकर सुबह खाली पेट पीने से स्वास्थ्य लाभ मिलता है.
गठिया के दर्द के लिए रामबाण
एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण के कारण सुदर्शन का उपयोग गठिया रोग में अत्यंत फायदेमंद माना गया है. जोड़ों में दर्द वाली जगह पर इसकी जड़ को पीसकर लगाने से संधिवात का दर्द और सूजन दोनों कम होते हैं. सुदर्शन की पत्तियों का गुनगुना लेप जोड़ो के दर्द में राहत प्रदान करता है. हड्डियों के दर्द में इसकी पत्तियों को पीसकर इसका रस लगाने से काफी राहत मिलती है. सुदर्शन के पत्तों को गर्म करके उस पर जैतून का तेल लगा कर घुटनों में बांधने से गठिया का दर्द दूर हो जाता है.
सुदर्शन एक प्राकृतिक औषधि है जो कई स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं में राहत दिलाने में सक्षम है. सुदर्शन के पत्तों का रस, कंद का लेप, जड़ का उपयोग कई बीमारियों के लिए किसी वरदान से कम नहीं है. वहीं इसका पौधा वात और कफ कम करने में भी सहायक होता है. इसका सही और सावधानीपूर्वक उपयोग आपको बेहतर स्वास्थ्य की ओर ले जा सकता है.
ध्यान रखें इसका सेवन किसी आयुर्वेदिक चिकित्सक की सलाह लेकर ही करें जिससे आप इसका संपूर्ण लाभ प्राप्त कर सकें.
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