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मकोय: फल एक, फायदे अनेक
News Date:- 2024-09-10
मकोय: फल एक, फायदे अनेक
vaishali jauhari

लखनऊ,10 Sep 2024

मकोय के पत्ते और फल: सेहत के लिए प्राकृतिक वरदान

मकोय (Solanum nigrum) जिसे 'काकमाची' और 'ब्लैक नाइटशेड' के नाम से भी जाना जाता है. ऐसा पौधा है जो अपने औषधीय गुणों और पोषण मूल्य के लिए प्राचीन समय से ही उपयोग किया जाता रहा है. इसके फल, पत्तियां और अन्य भाग कई प्रकार की स्वास्थ्य समस्याओं का इलाज करने में मददगार होते हैं. आयुर्वेद में मकोय को एक महत्वपूर्ण औषधि के रूप में देखा जाता है.

मकोय थोड़ा गर्म प्रकृति लिए होता है. यह वात, पित्‍त और कफ से निजात दिलाने में फायदेमंद माना गया है. मकोय पञ्चाङ्ग (जड़, तना, पत्‍ता, फूल और फल) के काढ़े का सेवन करने से गठिया का दर्द, सूजन, खांसी, घाव, पेट फूलने, अपच, मूत्र रोग में आराम मिलता है। इसके बीज भ्रम, बार बार प्‍यास लगने, सूजन और त्‍वचा रोग में फायदेमंद होते हैं।

मकोय की न्यूट्रिशनल वैल्यू

मकोय के फल और पत्तियां पोषक तत्वों से भरपूर होते हैं. मकोय में विटामिन सी, विटामिन एऔर विटामिन बी6 प्रचुर मात्रा में पाए जाते हैं जो शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत बनाते हैं और त्वचा, आंखों तथा मस्तिष्क के लिए फायदेमंद होते हैं.

इसमें कैल्शियम, आयरन, फॉस्फोरस और मैग्नीशियम पाया जाता है जो हड्डियों एवं मांसपेशियों को मजबूती प्रदान करता है.

मकोय में मौजूद एंटीऑक्सीडेंट्स शरीर को फ्री रेडिकल्स से बचाते हैं और उम्र बढ़ने की प्रक्रिया को धीमा करते हैं. यह दिल के स्वास्थ्य के लिए भी लाभकारी होते हैं.

मकोय के पत्तों और फलों में फाइबर पाया जाता है जो पाचन तंत्र को दुरुस्त रखने में मदद करता है और कब्ज की समस्या को दूर करता है.

मकोय के औषधीय गुण

मकोय बहु उपयोगी औषधीय पौधा है जो कई प्रकार की बीमारियों के उपचार में लाभकारी होता है. जानते हैं इससे मिलने वाले विभिन्न स्वास्थ्य लाभों के बारे में.

लिवर विकार में लाभ

मकोय के पञ्चाङ्ग (जड़, तना, पत्ते, फूल और फल) का रस लिवर विकारों में अत्यंत लाभकारी होता है. 10-15 मिलीग्राम रस को नियमित रूप से पिलाने से लिवर बढ़ने की समस्या का समाधान होता है. इसे मिट्टी के बर्तन में गर्म करके रात भर रखा जाता है और सुबह सेवन किया जाता है.

खूनी बवासीर में राहत

मकोय में भेदन का गुण पाया जाता है जो मल को मुलायम करता है और कब्ज को दूर करता है जिससे खूनी बवासीर की समस्या में राहत मिलती है.

कुष्ठ रोग में फायदा

काली मकोय की 20-30 ग्राम पत्तियों का लेप कुष्ठ रोग के उपचार में मदद करता है. इसके अलावा मकोय के पत्ते, शिरीष के फूल और सम्भालू के पत्तों का पेस्ट एक्जिमा जैसे चर्म रोगों में लाभ पहुँचाता है. रक्तशोधक गुणों के कारण यह त्वचा सम्बन्धी रोगों के उपचार में उपयोगी होता है.

घाव सुखाने में सहायक

मकोय और पान के पत्ते तथा हल्दी का पेस्ट बना लें. पुराने घाव, सूजन, मवाद वाले स्थानों और दाद-खाज वाली जगह इस पेस्ट को लगा लें, आराम मिलेगा. मकोय पञ्चाङ्ग का पेस्‍ट लेप करने से घाव की सूजन में भी फायदा होता है.

पेट के रोगों में लाभ

मकोय के पत्ते, फल और डालियों का सत्त् पेट में पानी भरने की समस्या (जलोदर रोग) में फायदेमंद होता है. इसे दिन में 2-3 बार लिया जा सकता है.

श्वसन संबंधी समस्याओं में राहत

मकोय का सेवन अस्थमा और ब्रोंकाइटिस जैसी श्वसन तंत्र की बीमारियों में लाभकारी होता है. इसके फल और पत्तियां कफ को कम करने और श्वसन मार्ग को साफ करने में मदद करती हैं.

बालों को काला करने में सहायक

 

मकोय के बीज से बने तेल की 1-2 बूँद नाक में डालने से बालों का काला होना शुरू हो जाता है.

दांत निकलने में मददगार

मकोय के पत्तों का रस घी या तेल के साथ मिलाकर मसूड़ों पर लगाने से बच्चों के दांत बिना दर्द के निकलते हैं. मकोय का काढ़ा हल्दी के साथ मिलाकर पिलाने से पीलिया में फायदा होता है.

मकोय एक अद्भुत औषधीय पौधा है जो कई प्रकार की बीमारियों और शारीरिक समस्याओं में राहत पहुंचाता है. इसके फल, पत्तियां और जड़ें विभिन्न रोगों के इलाज में सहायक हैं. नियमित रूप से और सही मात्रा में इसका सेवन न केवल शरीर को स्वस्थ रखता है बल्कि कई गंभीर बीमारियों से भी बचाता है.

याद रखें मकोय के सेवन में सावधानी बरतनी चाहिए क्योंकि इसके कच्चे फल और पत्तियां जहरीले भी हो सकते हैं. इसका सेवन हमेशा पकाकर या डॉक्टर की सलाह के अनुसार करना चाहिए. गर्भवती महिलाओं और बच्चों को इसके सेवन से बचना चाहिए या विशेषज्ञ की सलाह लेनी चाहिए.

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