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गूलर के औषधीय गुण 
News Date:- 2024-05-06
गूलर के औषधीय गुण 
vaishali jauhari

लखनऊ,06 May 2024

गूलर के औषधीय गुण 

हमारी प्रकृति जो अनगिनत औषधीय गुणों का खज़ाना है। अनेक प्रकार के वृक्ष पौधे, फल-फूल, पत्तियां, जड़, छाल हमारे स्वास्थ्य के लिए लाभदायक होते हैं। इन्हीं में एक है गूलर। गूलर का पेड़ कोई साधारण पेड़ नहीं है बल्कि यह उत्तम जड़ी-बूटी भी है। कहावत भी है कि जिसने गूलर का फूल देख लिया उसका भाग्य चमक जाता है। यह भी कहा जाता है कि गूलर का सेवन करने वाला वृद्ध भी युवा हो जाता है।

आयुर्वेदिक ग्रंथों में गूलर का पेड़ हेमदुग्धक, जन्तुफल, सदाफल आदि नामों से प्रसिद्ध है। इसके तने या डाल में किसी भी स्थान पर चीरा लगाने से सफेद दूध निकलता है। दूध को थोड़ी देर रखने पर पीला हो जाता है इसलिए इसे हेमदुग्धक कहा जाता है। गूलर के फलों में ढेर सारे कीड़े होने के कारण इसे जन्तुफल कहा जाता है। वहीं बारह महीने फल देने के कारण इसे सदाफल कहते हैं।

कई बीमारियों में आप गूलर के फायदे ले सकते हैं। आइए जानते हैं कि गूलर से हमें क्या-क्या स्वास्थ्य लाभ मिलता है।

 

डायबिटीज की दिक्कत को दूर करने के लिए गूलर के फलों के छिलकों को सुखा कर बारीक पीस कर पाउडर बना लें। इसमें बराबर मात्रा में मिश्री मिला कर गाय के दूध के साथ खाने से डायबिटीज दूर होती है। लेकिन इसका सेवन सुबह-शाम केवल 6-6 ग्राम की मात्र में ही करना चाहिए।

गूलर के दूध की 10-20 बूंदों को जल में मिलाकर पीने से खूनी बवासीर और रक्त विकारों में लाभ मिलता है।

गूलर के दूध में रूई का फाहा भिगोकर भगन्दर यानि Fistula के अंदर रखें। इसे रोज बदलते रहने से भगन्दर अच्छा हो जाता है।

गूलर के पत्तों के ऊपर के दाने को दही चीनी मिलाकर पीस लें। इसे रोज एक बार शहद के साथ पिलाने से गले की सूजन वाले रोग जैसे गंडमाला में लाभ प्राप्त होता है।

गूलर की जड़ के चूर्ण को गूलर फल के साथ सेवन करें। इससे पेचिश में आराम मिलता है।

लूज़ मोशन यानी दस्त की दिक्कत होने पर गूलर के दूध की चार-पांच बूंदों को बताशे में डाल कर दिन में तीन बार खाने से काफी आराम मिलता है।

गूलर के दूध को घाव पर लगाने से घाव जल्दी भरता है। गूलर की छाल का काढ़ा बनाकर घाव को धोने से घाव जल्दी भर जाता है।

कमज़ोरी महसूस हो रही हो तो आप गूलर के सूखे फल को पीस कर पाउडर बना लें और दस ग्राम की मात्रा में इसका सेवन करें।

महिलाओं की ल्यूकोरिया बीमारी को ठीक करने के लिए गूलर के पांच ग्राम रस को मिश्री के साथ मिलाकर पीने से लाभ प्राप्त होता है।

गूलर के अनेक फायदे को अपने जीवन में अपनाइए और स्वास्थ्य लाभ पाइए।
 

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