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स्वास्थ्य के लिए वरदान, पथरचट्टा
News Date:- 2024-05-10
स्वास्थ्य के लिए वरदान, पथरचट्टा
vaishali jauhari

लखनऊ,10 May 2024

स्वास्थ्य के लिए वरदान, पथरचट्टा

हमारे चारों ओर हरी भरी प्रकृति है। इन हरी भरी प्रकृति में मौजूद अनेक ऐसे पेड़-पौधे, फल-फूल हैं जो औषधि के रूप में प्रयोग किये जाते हैं। लेकिन कई बार जानकारी के अभाव में आमतौर पर लोग इन्हें जंगली पौधा समझ उखाड़ देते हैं या इन्हें नष्ट कर देते हैं। इन्ही में एक पौधा शामिल है पथरचट्टा का। बता दें इस पौधे की पत्तियां औषधीय गुणों से भरपूर हैं जो कई बीमारियों के इलाज में लाभकारी होती हैं।

आयुर्वेद में पथरचट्टा का दूसरा नाम है पाषाणभेद, जिसका अर्थ है ‘पत्थर को घोलना'। ग्रामीण क्षेत्र में इसे पथरचट्टा के नाम से जाना जाता है लेकिन कुछ लोग इस पौधे को अजूबा कहते हैं। इसके नाम से ही इसके गुणों का आभास हो जाता है। यकीन मानिए अपने नाम की तरह ही अजूबा काम भी करता है।

पथरचट्टा में पाए जाने वाले तत्व:

पथरचट्टा, एल्कलॉइड्स, फ्लेवोनोइड्स, ग्लाइकोसाइड्स, कार्डिएनोलाइड्स और स्टेरॉयड जैसे बायोएक्टिव गुणों से भरपूर हैं। इनके पत्तों में एंटीबैक्टीरियल, एंटीफंगल और कई प्रकार के एंटीऑक्सीडेंट्स पाए जाते हैं जो हमारे शरीर को कई बीमारियों से दूर रखते हैं।

गंभीर बीमारियों में कारगर औषधि:

पथरचट्टा शरीर की कई गंभीर बीमारियों को कम करने में कारगर औषधि के रूप में काम करता है।

अगर आप किडनी स्टोन की समस्या से परेशान हैं तो इसकी पत्तियों का सेवन रोजाना सुबह करें आपको राहत मिलेगी। गुर्दे की पथरी कैल्शियम ऑक्सालेट क्रिस्टल से बनी होती है। पथरचट्टा पौधे का सैपोनिन कैल्शियम, ऑक्सालेट क्रिस्टल को तोड़ने में मददगार होता है। ये पथरी को पानी के साथ फ्लश ऑउट करने में मदद करता है और किडनी को स्वस्थ बनाए रखता है।

 पथरचट्टा का उपयोग डायबिटीज़ कंट्रोल करने के मामले में किया जा सकता है। पथरचट्टा में फिनाइल एल्काइल ईथर नामक बायोएक्टिव कम्पाउंड होते हैं जो इंसुलिन के प्रोडक्शन को बढ़ा कर शुगर लेबल को बैलेंस करने में सहायक होते हैं।

 पेट में अल्सर नहीं बनने देता है पथरचट्टा। लीवर स्वास्थ्य, प्रतिरक्षा प्रणाली, किडनी हेल्थ, ह्रदय को मजबूती प्रदान करता है।

 पथरचट्टा के पत्तों से प्राप्त होने वाले रस में खास प्रकार के तत्व होते हैं जो यूरिन की समस्या, जोड़ों के दर्द से निजात दिलाने और ब्लड प्रेशर को नियंत्रित रखने में मदद करते हैं।

शरीर में सूजन है तो पथरचट्टा के पत्तों को पानी में उबाल लें और उसमें नमक मिलाकर रस को छानकर इसका सेवन करें। अगर आप इसका काढ़ा बनाकर पीते हैं, तो शरीर की सूजन कम होती है। इसके अलावा आप इनकी पत्तियों को पीसकर इनका अर्क निकालकर भी इनका सेवन कर सकते हैं।

इस प्रकार से पथरचट्टा के पत्तों का सेवन सेहत के लिए कई प्रकार से फायदेमंद है।

पौष्टिक चटनी:

इसकी चटनी का सेवन करने से पूरे शरीर को स्वस्थ बनाए रखने में मदद मिल सकती है। इसका पौधा आसानी से गमले में भी उगाया जा सकता है। इसलिए आजकल लोग पथरचट्टा को पॉट में भी उगाने लगे हैं और इनकी पत्तियों की चटनी भी खाते हैं। पथरचट्टा की चटनी की रेसिपी बहुत आसान है। ओवरऑल हेल्थ के लिए यह बहुत ही फायदेमंद होता है।
 

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