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'सुरभि' 90 के दशक का एक ऐसा धारावाहिक जिसने भारत को जोड़ा
News Date:- 2024-05-24
'सुरभि' 90 के दशक का एक ऐसा धारावाहिक जिसने भारत को जोड़ा
vaishali jauhari

लखनऊ,24 May 2024

'सुरभि': 90 के दशक का एक ऐसा धारावाहिक जिसने भारत को जोड़ा

आज के आधुनिक दौर में मनोरंजन के लिए हमारे पास बहुत कुछ है। हाथ में स्मार्ट मोबाइल है, फिल्‍में हैं। आज घर-घर में टेलीवीजन है, OTT से लेकर सोशल मीडिया की दुनिया है। लेकिन नब्बे के दशक की बात करें तो उस समय मनोरंजन के इतने साधन नहीं थे लेकिन जो थे वो दिल को छू लेने वाले थे। दूरदर्शन जी हाँ मनोरंजन का एकमात्र साधन हुआ करता था दूरदर्शन।

यह वो दौर था जब पूरा परिवार एकसाथ बैठकर टीवी पर 'रामायण' से लेकर 'महाभारत' सभी धारावाहिक देखता था।'च‍ित्रहार' और 'रंगोली' जैसे धारावाहिक हर घर की पसंद हुआ करते और 'सुरभि' जैसा धारावाहिक तो दर्शकों के बीच खासा लोकप्रिय था। यूँ तो भारतीय सांस्कृतिक पत्रिका शो जो दर्शकों के बीच खासा लोकप्रिय था। लेकिन इसे और भी दिलचस्प एवं रोमांचक बनाने का श्रेय रेणुका शहाणे और सिद्धार्थ काक को जाता है।

धारावाहिक की खासियत

'सुरभि'भारत की समृद्ध संस्कृति और विविधता का प्रदर्शन करता था। धारावाहिक में विभिन्न क्षेत्रों के कलाकारों, संगीतकारों, नर्तकों और कारीगरों को आमंत्रित किया जाता था जो अपनी कला और प्रतिभा का प्रदर्शन करते थे। दर्शकों को जोड़ने में माहिर था 'सुरभि' धारावाहिक। इसमें कई प्रतियोगिताएं और क्विज़ भी आयोजित किए जाते थे जिनमें दर्शक भाग लेकर पुरस्कार जीत सकते थे।

'सुरभि' केवल मनोरंजक और ज्ञानवर्धक ही नहीं बल्कि देश में सबसे लंबे समय तक प्रसारित होने वाला सांस्कृतिक धारावाहिक रहा है। इस धारावाहिक के माध्यम से दर्शकों को भारत के इतिहास, कला, संस्कृति और परंपराओं के बारे में जानकारी प्राप्त होती थी। 'सुरभ‍ि' के निर्माता इसके को-होस्‍ट सिद्धार्थ काक ही थे।10 साल तक चले इस शो के 415 एपिसोड प्रसारित किये गए।

ल‍िम्‍का बुक ऑफ र‍िकॉर्ड्स में दर्ज है 'सुरभ‍ि' का नाम

'सुरभि' की लोकप्रियता का अंदाज़ा इस बात से लगाया जा सकता है कि इसे देखने वाले दर्शक हर हफ्ते रेणुका और सिद्धार्थ को 14 लाख से अध‍िक पोस्टकार्ड भेजते थे। डाक विभाग ने परेशान होकर सरकार से शिकायत कर दी थी। मजबूर होकर भारतीय डाक विभाग को 15 पैसे की जगह 2 रुपये का पोस्‍टकार्ड जारी करना पड़ा था और तो और कंपटिशन पोस्टकार्ड भी बनाने पड़े।

एक ही सप्ताह में 14 लाख से अध‍िक पोस्‍टकार्ड मिलने के कारण इस धारावाहिक का नाम ‘लिम्का बुक ऑफ रिकॉर्ड्स’ में शामिल है। उस समय इंटरनेट नहीं होता था तो आपको सही उत्तर या तो पता होता था या तो नहीं। सही उत्तर जानने के लिए सही किताब ढूंढना पड़ता था। यह उस दौर में दर्शकों की शो के प्रति दीवानगी को दर्शाता है। 

हर वर्ग की पसंद 'सुरभ‍ि'

कुछ भी हो TV के अच्छे दिन तो यही थे। संस्कृति की अनेक विविधताओं को समेटे धारावाहिक 'सुरभि' जिसकी यादें आज भी हम सब के ज़हन में ताज़ा हैं। 1993 से 2001 तक प्रसारित होने वाला एक ऐसा हिन्दी धारावाहिक जिसका प्रसारण पहले दूरदर्शन और उसके बाद स्टार प्लस पर होने लगा। भारतीय टेलीविजन के इतिहास में 'सुरभि' धारावाहिक ने मील का सफ़र तय कर एक नया इतिहास रचा। इस शो ने न केवल दर्शकों का मनोरंजन किया बल्कि उन्हें भारतीय संस्कृति से जोड़ने में महत्वपूर्ण भूमिका भी निभाई। 
 

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