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नरगिस का मीना कुमारी को आखिरी ख़त: 'मौत मुबारक हो मीना'
News Date:- 2024-06-26
नरगिस का मीना कुमारी को आखिरी ख़त: 'मौत मुबारक हो मीना'

लखनऊ,26 Jun 2024

दोस्ती की मिसाल: नरगिस और मीना कुमारी, मीना कुमारी की ज़िन्दगी के अनकहे पहलू

नरगिस और मीना कुमारी बॉलीवुड की दो मशहूर अदाकारा. अपने समय की न सिर्फ उम्दा अभिनेत्रियां थीं बल्कि बेहद अच्छी सहेलियाँ भी थीं। लेकिन मीना कुमारी की मौत पर नरगिस ने जो कहा था, वो किसी को भी हैरान कर सकता है - 'मौत मुबारक हो मीना, अब दुनिया में मत आना.'

दोनों की दोस्ती के किस्से बहुत मशहूर थे और उनकी दोस्ती की मिसाल फिल्म इंडस्ट्री में गहरी छाप छोड़ चुकी थी. दोनों काफी करीबी सहेलियाँ मानी जाती थीं. मीना कुमारी नरगिस को बाजी यानि बड़ी बहन कहा करतीं. पर क्या आप जानते हैं कि नरगिस और मीना कुमारी जो आपस में अच्छी सहेलियाँ थीं और लाखों लोगों के दिलों की धड़कन थीं उन्होंने निजी ज़िन्दगी में बहुत कुछ सहा है.

मीना कुमारी का बचपन और संघर्ष:

मीना कुमारी का जन्म एक थिएटर आर्टिस्ट परिवार में हुआ था. उनकी मां प्रभावती देवी एक थिएटर आर्टिस्ट थीं और पिता अली बक्श पारसी रंगमंच के कलाकार थे. मीना कुमारी का बचपन का नाम महज़बीं बानो था. तंगहाली और कठिनाइयों के कारण मीना ने बचपन में ही बतौर चाइल्ड आर्टिस्ट काम करना शुरू कर दिया था. उनके पिता से भी उनके रिश्ते अच्छे नहीं थे. मीना कुमारी जिन्हें 'ट्रेजडी क्वीन' कहा जाता था. उन्होंने अपनी ज़िन्दगी में बहुत दर्द सहा और इस दर्द को अपनी फिल्मों में भी दिखाया.

निजी ज़िन्दगी की परेशानियाँ:

मीना कुमारी की निजी ज़िन्दगी में भी बहुत संघर्ष था. उनके पति कमाल अमरोही के साथ उनका रिश्ता अच्छा नहीं था और वो अक्सर उनके साथ दुर्व्यवहार करते थे. इन परेशानियों के चलते मीना कुमारी को शराब की लत लग गई थी.  जिस वजह से उनकी सेहत पर बुरा असर पड़ा और आखिरकार लिवर की समस्या के चलते उनकी मृत्यु हो गई.

नरगिस और मीना कुमारी की गहरी दोस्ती:

मीना कुमारी और नरगिस की दोस्ती इतनी गहरी थी कि एक बार मीना कुमारी ने फिल्म की शूटिंग के दौरान नरगिस के बच्चों का ख्याल रखा था। उस वक्त नरगिस की बेटी नम्रता सिर्फ दो महीने की थी।

नरगिस का आखिरी ख़त:

एक बार का किस्सा बताते हुए नरगिस ने लिखा कि, 'एक रात मैंने मीना को गार्डन में हाँफते हुए देखा। मैंने कहा आराम कर लो, तो मीना ने कहा ‘आराम मेरी किस्मत में नहीं है.‘उस रात उनके कमरे से लड़ाई-झगड़े की आवाज़ें आ रही थीं.' इसके कुछ समय बाद ही मीना कुमारी की हालत ज्यादा खराब हो गई तो उन्हें अस्पताल में भर्ती होना पड़ा. इस दौरान नरगिस उन्हें देखने पहुँची.

उस वक्त मीना कुमारी ने दुखी मन से नरगिस को बताया था कि उनके पति कमाल अमरोही के सचिव ने भी मीना कुमारी पर हाथ उठाया और कमाल अमरोही ने कुछ नहीं किया. मीना कुमारी ने नरगिस से कहा था कि अब मुझे चैन सीधे मौत के बाद ही मिलेगा. 31 मार्च, साल 1972 का वो पल जब सिने जगत की मशहूर अदाकारा हम सब को अलविदा कह गईं.

मीना कुमारी की मौत के बाद नरगिस ने उन्हें एक भावुक ख़त लिखा. जिसमें उन्होंने कहा, 'मौत मुबारक हो मीना, अब दुनिया में मत आना.' इस ख़त में नरगिस ने मीना कुमारी की दुखभरी ज़िन्दगी और उनके साथ हुए अन्याय का ज़िक्र किया. नरगिस ने लिखा कि मीना कुमारी जैसी संवेदनशील और कोमल दिलवाली महिला इस कठोर दुनिया के लिए नहीं बनी थी. यकीनन मीना कुमारी ज़िन्दगी से हार गईं थीं पर फिल्म जगत में उनके दिए योगदान के लिए आज भी उन्हें याद किया जाता है.

मीना कुमारी की दुखभरी ज़िन्दगी और उनकी मौत ने सभी को गहरा सदमा दिया। नरगिस का उनके लिए लिखा गया यह ख़त उनकी दोस्ती और दर्द को बखूबी बयाँ करता है.

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